У нас вы можете посмотреть бесплатно Bhyagda | Himachal Lok Geet | भ्यागड़ा - सुबह का गीत | हिमाचल प्रदेश | folk song of the morning или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru
Bbhyagda, Himachal Lok Geet, भ्यागड़ा गीत, हिमाचल प्रदेश, bhyagda is folk song sung in lower Himachal comprising districts of Kangra, Hamirpur, Una, Mandi and Bilaspur. It is a bhajan type song giving message to the folk community to get up early in morning and do meditation. dudha chholne di bela, bhyagda, dudha chholne di bela, DISCLAIMER copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, Allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use. The materials used for illustrative and exemplification reasons, also quoting in order to recombine elements to make a new work. ABOUT THIS VIDEO लोक गीत हमारी संस्कृति का एक अभिन्न हिसा है। हिमाचल में विभिन्न मौके पर लोक गीत गए जाते हैं। पुराने दिनों में गाना बजाना, लोक गीत मनोरंजन का एक साधन होता था। शर्दी के मौसम में रातें लम्बी होती हैं, घर के बड़े लोग सुबह जल्दी उठ जाते और वक्त गुजरने के लिए कोई भजन, गीत, संगीत गुनगुनाते हैं। सुबह को भ्याग भी कहते हैं और सुबह के गीत को भ्यागड़ा कहते है। भ्यागड़ा कई मौके पर गाया जाताहै जैसे कोई भजन, या देवी-देवता की कोई गाथा या भगवान श्री राम या श्री कृषण की लीला का कोई वर्णन भी भ्यागड़ा के रूप गाया जाताहै। महापुरुषों के आधात्मिक उपदेश को भी जन मानस तक पहुंचाने के भ्यागड़ा के रूप मेँ गाकर सुनाया जाता है। प्रस्तुत भ्यागड़ा लोकगीत मेँ गुजरी यानि पशु पलकों के घर में औरते सुबह उठ कर दूध-दहि को छोलती हैं और माखन बनाया जाता है। पुराने जमाने में भगवान श्री कृष्ण के वक्त दूध दहि माखन तो हर घर मेँ होता था। इस लोक गीत मेँ गुजरी को कहा जाता है कि सुबह / भ्याग हो गया है उठो दहि मथने कि बेला हो गई है। himachali pahari song, niki jini gojri, mandyali song himachali, karnail rana song, bheda teriyan ho himachali song, parle rope shaukan utri, amma puchdi, pehr sabela diye gayee ri,