У нас вы можете посмотреть бесплатно बालाजी का नया भजन 2025 अवश्य सुनें !! आ लौट के आजा हनुमान !! रचना व स्वर- सांवल दान देपावत - देशनोक или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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🚩🖊️ बालाजी का नया भजन- दोहा वीर लखन मुरछित पड़े, कवन बचाए प्रान । बलसाली हनुमान जी, पाय संजीवन आन ।।१।। पर्वत ने ऊंचो कियो, लियो हाथ पर धार । उड़ चले हनुमान जी, सात समंदर पार ।।२।। लाकर बूंटी लखन को, दीनी घूंट पिलाय। उठ बैठे अब लखन जी, रामादल सुखपाय ।।३।। हाध धनुष अब धारियो, तरकस तीर कमान । राम सपथ ली लखन ने, रावन सुत तज प्रान ।।४।। भजन आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है ।।टेर।। आओ महाबली वीर पवन सुत। लेय संजीवन बूटी । लाल सुमित्रन लखन को पाओ, घोर घोल कर घूंटी।। जरा वेग चलो बलवान, द्रोण गिर पर्वत माथे है। आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है।।१।।----- जाओ पवनसुत लेन संजीवन, रैन ढळी है पूरी। अल्प समय है सूरज उगणो, रह-रह चिंता हूरी ।। तुम तुरंत रहो तैयार, वैद जी बूंटी बताते है। आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है।।२।।---- गये पवन सुत लेन संजीवन, तुरंत हिमालय आए । जड़ी-बूटी को जान न पाएं तुरंत पहाड़ उठाए ।। अब उड़के चले हनुमान, हाथ मे पर्वत लाते है । आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है।।३।।----- आंख फाड़कर अंबर निरखै, कबहुक हनुमंत आए। वीर सिरोमणी वानर सारा, मन ही मन घबराए।। प्रभु राम पुकारे आज, साथ सुग्रीव अघाते है। आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है ।।४।।---- लखन लाल है गोद राम की, मुरछा तन पर आए। रो रो कर प्रभू राम बिलखते, मुखपे उदासी छाए ।। अब रूदन करे श्री राम, नैणभर आंसू बहाते है । आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है ।।५।।---- पवन गति से आए पवनसुत, हाथ मे पर्वत लाए। लाकर वीर धरे धरणी पर, बैद बूटी बतलाए ।। अब लखन को घोल पिलाय, नींद सूं लिछमण उठते है ।। आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है।।६।।---- जाग उठे बलवान लखन जी, तरकस बाण संभाले। मेघनाथ ने पल मे मारूं हो गये आग बबूले।। कथ-कथकर सांवलदान, प्रेम सूं भजन सुनाते हैं। आ लौट के आजा हनुमान, तुझे प्रभू राम बुलाते है ।।७।।---- कृत:- सांवल दान देपावत (पप्पू दान) देशनोक🙏🚩🚩