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भारत ने Photonic से स्टेल्थ ब्रेक किया! भारत के शॉक फैक्टर से अमेरिकी वायुसेना हैरान । भारत ने अमेरिका को उस समय चौंका दिया जब अमेरिकी स्ट्रैटेजिक कम्युनिटी ने पहली बार “India Shock Factor” नाम से चर्चा की। यह कोई राजनीतिक बहस नहीं, बल्कि तकनीकी झटका था — क्योंकि डीआरडीओ ने फोटोनिक और क्वांटम सेंसिंग रडार जैसी तकनीक विकसित कर ली है, जो स्टेल्थ फाइटर जेट्स को भी ट्रैक कर सकती है। अमेरिका का यह मानना था कि भारत को ऐसी तकनीक तक पहुँचने में कम से कम 15–20 साल लगेंगे, लेकिन भारत ने केवल 3 साल में वह हासिल कर लिया, जो अमेरिका 9 साल में भी नहीं कर सका। डीआरडीओ, SAMEER (Society for Applied Microwave Electronics Engineering and Research) और ISRO मिलकर जिस सिस्टम पर काम कर रहे हैं, वह 120 किलोमीटर पहले ही सच्चे पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को डिटेक्ट कर सकेगा। यह सिर्फ एक रडार नहीं, बल्कि एक लाइट-बेस्ड सिग्नल प्रोसेसिंग सिस्टम है जो पारंपरिक रेडियो फ्रीक्वेंसी से आगे बढ़ चुका है। अब भारत के इस फोटोनिक और क्वांटम सेंसिंग रडार के सामने, चीन और अमेरिका के स्टेल्थ फाइटर्स की स्टेल्थ क्षमता लगभग बेअसर हो जाएगी। भारत की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि अब भारत केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजिकल पावरहाउस भी बन चुका है — और यही अमेरिका के लिए असली “India Shock Factor” है।