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नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ शेखावत… और मैं कहानी नहीं — इमोशन लिखता हूँ। हम अक्सर जिंदगी में जल्दी करते हैं खुद को साबित करने की — बातों से, बहस से, तर्क से, दुनिया को मनाने से। लेकिन आज की सचाई बस एक है: असली ताकत कही नहीं जाती… वो जीकर दिखाई जाती है। इस वीडियो में: ✔ ताकत vs अहंकार का फर्क ✔ क्यों शांत रहने वाले सबसे मजबूत होते हैं ✔ क्यों खुद को साबित करना कमजोरी है ✔ असली आत्मविश्वास कैसा दिखता है ✔ जिंदगी की गहरी सीख जो हर इंसान को समझनी चाहिए ये वीडियो उन लोगों के लिए है जो: बातों से आगे बढ़कर कर्म से दिखाना चाहते हैं खुद को शोर में नहीं, परिणाम में पहचानते हैं बिना बोलकर जीतना चाहते हैं शांत होकर मजबूत बनने का रास्ता सीखना चाहते हैं अगर वीडियो अच्छा लगे तो Like, Share और Subscribe ज़रूर करें… क्योंकि आपका सपोर्ट हमें और बेहतर लिखने और आगे बढ़ने की हिम्मत देता है। धन्यवाद। मैं हूँ शेखावत — और मैं कहानी नहीं… इमोशन लिखता हूँ। takat aur ahankar difference shaktishaali kaise bane silence power motivation hindi motivational speech shekhawat motivation story self confidence hindi powerful life lessons hindi less talk more action emotional motivation hindi zindagi ki sikh motivation, hindi motivation, emotional motivation, zindagi ki kahani, life lessons hindi, silence power, takat hindi, true strength story, less talk more action, shekhawat motivation, hindi speech, success motivation hindi, powerful speech, confidence motivation, strength speech hindi, kam bolna sikh, self growth hindi, inspirational story hindi, deep motivation hindi, gyaan ki baat, motivational videos hindi, powerful lines, ahankar vs strength, desi motivation, viral motivation hindi, youtube shorts motivation, powerful story hindi, motivation for life, shaktishaali kaise bane #HindiMotivation #LifeLessons #PowerOfSilence #ShekhawatStories #EmotionalSpeech #LessTalkMoreAction #MotivationalVideo #InnerStrength नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ शेखावत… और मैं कहानी नहीं — इमोशन लिखता हूँ। आज मेरी बात थोड़ी कड़वी होगी… पर सच्ची होगी… और शायद किसी की आँख नहीं, उसका अहंकार भीग जाए… क्योंकि आज बात उस शक्ति की है — जो दिखाई नहीं जाती, महसूस कराई जाती है। मैंने ज़िंदगी में एक बात बहुत गहराई से समझी है — कि अगर आप सच में शक्तिशाली हो, तो आपको अपनी ताकत बताने की ज़रूरत नहीं पड़ती। जो पहाड़ है… वो अपना कद नहीं बताता। जो समुद्र है… वो अपनी गहराई चिल्लाकर नहीं बताता। और जो शेर है… वो दहाड़ सिर्फ शिकार के वक़्त मारता है, हर वक़्त नहीं। लेकिन आजकल लोग क्या कर रहे हैं? थोड़ी सी सफलता, थोड़ा सा पैसा, थोड़ा सा ज्ञान, और पूरा-पूरा लाउडस्पीकर ऑन। “देखो मैं कौन हूँ…” “देखो मैंने क्या किया…” “सुनो मेरी बात सबसे सही है…” भाई… अगर बात सही होती, तो दुनिया खुद सुन लेती। अगर कद सच्चा होता, तो खुद-ब-खुद दिख जाता। क्योंकि सच्ची ताकत को कभी बोलकर नहीं दिखाया जाता, उसे जीकर दिखाया जाता है। मुझे याद है… एक बार मैं अपने गाँव में था। एक बुज़ुर्ग मिले — बड़ी धीमी आवाज़, सादा कपड़े, पर आँखों में चमक… जैसे दुनिया को बहुत शांति से समझ लिया हो। मैंने पूछा — “ताताजी, आप इतने शांत कैसे रहते हो?” वो मुस्कुराए, और बोले — “बेटा, जिसको खुद पर यकीन है, उसे किसी को यकीन दिलाने की जरूरत नहीं होती।” ये लाइन उस दिन सिर्फ सुनी नहीं — दिल में उतर गई। और उसी दिन समझ में आया — कि जो बार-बार बहस में उतरता है, वो कहीं ना कहीं खुद भी डरा हुआ होता है। क्योंकि ताकतवर इंसान बहस नहीं करता — वो बस नज़रें मिलाकर मुस्कुरा देता है। और हालात खुद चुप हो जाते हैं। आजकल लोग सोशल मीडिया पर, चाय की दुकान पर, रिश्तों में, दोस्ती में, हर जगह एक ही बात कर रहे हैं — ‘मुझे साबित करना है कि मैं सही हूँ।’ पर भाई, जो सही होता है, वो सिर्फ चलता है। और दुनिया पीछे चलने लगती है। साबित वही करता है — जिसे खुद पर शक होता है। कभी गौर करना — एक साधारण किसान, जिसके हाथों में मिट्टी लगी होती है, जो सूरज की तरफ देखते हुए बीज बो रहा होता है — वो कभी नहीं कहता, “देखो, मैं मेहनती हूँ।” पर जब फसल लहराती है — दुनिया खुद कहती है — “ये आदमी मेहनती है।” फूल कभी नहीं कहता — “देखो, मैं खूबसूरत हूँ।” वो बस खिल जाता है। और लोग खुद आते हैं — “वाह, क्या फूल है!” यानी… असली ताकत बोलती नहीं — बसर करती है। और जहाँ बहस शुरू हो जाए… जहाँ आदमी अपनी बात मनवाने लगे… जहाँ शब्द तलवार बन जाएँ… वहाँ समझ लेना — ताकत नहीं, अहंकार बोल रहा है। क्योंकि ताकत शांत होती है। और अहंकार शोर करता है। तो आज की एक लाइन — जो सुनने में छोटी लगेगी, पर ज़िंदगी में बहुत भारी है: “अगर आप शक्तिशाली हो — तो आपको बताना नहीं पड़ता। अगर आप बहस कर रहे हो — तो समझ लो, कहीं ना कहीं आप दिखा रहे हो।” शांत रहो। स्थिर रहो। ताकत को कर्म बनने दो — शब्द नहीं। क्योंकि जो खामोशी में चलता है, दुनिया उसके कदमों की आवाज़ बहुत देर तक सुनती है। धन्यवाद। मैं हूँ शेखावत… और मैं कहानी नहीं — इमोशन लिखता हूँ। agar apko baat sahi lage to share or subscribe jrur kare,,,, or like karna bilkul naa bhule kyoki apka spot hmko aage badhne ki himmat deta hai thankyou