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एक साथ जलीं पांच चिताएं… Dr. Prateek Joshi के पूरे परिवार को दी अंतिम विदाई पांच चिताएं एक साथ जलीं...हर तरफ धुआं, सन्नाटा... और आंसुओं की बहती नदियां...पर उन पांच चिताओं में एक परिवार नहीं, किसी के जीवन की पूरी दुनिया जल रही थी। डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास, और तीन मासूम बच्चे...अब सिर्फ यादें हैं। शव इतनी बुरी हालत में थे कि परिवार ने उनको बांसवाड़ा लाने के बजाय अहमदाबाद में ही मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया... अहमदाबाद के थलतेज श्मशान घाट पर...जब एक साथ पांच अर्थियां रखी गईं,तो ऐसा लगा जैसे खुद भगवान भी खामोश हो गए हों। एक हंसता-खेलता परिवार, जो कल तक बच्चों की हँसी से गुलजार था...आज आग की लपटों में चुपचाप जल रहा था।मां-बाप की आंखों में बस एक ही सवाल था....हम क्यों बचे? हादसा हुआ... और ज़िंदगी ने अपनी सबसे निर्दयी चाल चली। एक ही झटके में बेटे-बहू और पोते-पोतियों को खो देने वाले मां-बाप के लिए अब समय, घड़ी, तारीख… सब बेकार हो गए हैं।घर के हर कोने में बच्चों की आवाज़ गूंजती थी…अब हर दीवार चुप है।डॉ. प्रतीक जोशी के माता-पिता…अब उस बड़े घर में बिल्कुल अकेले हैं –बिना किसी उम्मीद, बिना किसी वजह। शव इतने बुरी हालत में थे कि पहचान तक मुमकिन नहीं थी।डीएनए जांच के बाद शवों की पहचान हुआ…मां-बाप को शायद यकीन भी नहीं हो रहा होगा अब वो लौटने वाले नहीं हैं।ना बेटा, ना बहू, ना वो तीन नन्हें मासूम बच्चे…अब कभी घर का दरवाज़ा नहीं खोलेंगे। मां की आंखें अब भी दरवाज़े की ओर टिकी रहती हैं…शायद प्रतीक एक बार फिर कह दे – आप ठीक हो। पिता अब भी ये सोच रहे हो कि काश वो पल टल जाता...काश मैं भी उस फ्लाइट में परिवार के साथ होता तो आज ये सब देखना न पड़ता....अब वो सब यादें हैं…और जिंदगी एक सज़ा की तरह बाकी है।सवाल ये भी कि हादसा क्यों हुआ…लेकिन सवाल ये भी है कि जब किसी का सब कुछ छिन जाए,तो वो लोग कैसे जीते हैं?हम लोग अगले दिन आगे बढ़ जाते हैं,लेकिन जिनका परिवार चला गया,वो हर सुबह एक खाली कमरे, एक सूनी दीवार, और एक टूटी आवाज़ से शुरू करते हैं। कभी-कभी कुछ हादसे इतने गहरे ज़ख्म छोड़ जाते हैं कि शब्द भी कम पड़ जाते हैं।डॉ. प्रतीक जोशी और डॉ. कोमी व्यास जैसे डॉक्टर,ना सिर्फ परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए उम्मीद थे।आज वो नहीं हैं, लेकिन उनका योगदान, उनकी इंसानियत, उनकी हँसी…हमेशा ज़िंदा रहेगी। एक बात जो इस हादसे से सीखने को मिलती है...वो ये कि ज़िंदगी बेहद नाज़ुक है।हम प्लान करते हैं कल के लिए,लेकिन किसी को नहीं पता कि आने वाला पल कैसा होगा। राजस्थान की हर खबर देखें: https://www.rajasthantak.com/ -------- About the Channel: Rajasthan Tak is a platform for the people to raise voice on issues they feel strongly about and it is a medium which will not just provide news and analysis but will also showcase the cultural heritage of the Royal Rajasthan Follow us on: Website: https://www.mobiletak.in/rajasthantak Facebook: / rajasthantakofficial Twitter: / rajasthan_tak