У нас вы можете посмотреть бесплатно भारत मे शक शासन | क्षहरात वंश | नहपान | शक सम्वत का प्रारम्भ | shaka dynasty | nahpan | kshahrat или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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👉भारत में शक आगमन 👉 विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत का प्रारंभ 👉 शको द्वारा शक संवत का प्रारंभ 👉आज के वर्तमान ई0सन से विक्रमी एवम शक संवत का अंतर 👉शक आक्रमण को निमंत्रण देने वाले का नाम 👉क्षहरात वंश का प्रसिद्ध शासक नहपान Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use. No copyright infringement intended. #travelofhistory #ias #uppsc #trending #indian #indianhistory #bharat #history #ancienthistory #drishti #khan #iasinterview #iasinterviewquestion #iasexam #ias_interview #drishti #drishtiias #drishti_ias #drishti_ias_interview #drishtiiasmockinterview #drishtiiasshorts #drishtiigarewalvlogs #azadiasacademyunitofazadgroup #ipsinterview #ipsias #ipsmotivationalvideo #upscinterview #upscaspirants #upsc #pcsquestions #iasofficer #today #todaynews #gkstudyadda #2023 #knowledgefacts #upscinterview #upsc #upscexam #upscprelims #upscpreparation #gkstudy Hi friends, दोस्तों, इस वीडियो में मैंने आईएएस पीसीएस इंटरव्यू के दौरान पूछे गए महत्वपूर्ण प्रश्नों को कवर किया है दोस्तों आप हमारे चैनल पर ऐसे ही रोचक प्रश्नों को वीडियो में लाता रहता हूं इसलिए हमारे चैनल travel of history को सब्सक्राइब करके bell वाली घंटी को दबा दीजिए । धन्यवाद। IAS interview questions तक्षशिला के शक तक्षशिला के प्रारंभिक शक शासको में मेंउस प्रमुख है । जिसका शासनकाल 20 ईसा पूर्व से 22 ईसापूर्व माना जाता है । उसकी पहचान तक्षशिला ताम्रपत्र के महाराज मो स से की जाती है पहले ये पार्थिया का सामन्त था । पार्थियन साम्राज्य के कमजोर पड़ जाने के कारण उसने अपने को स्वतंत्र कर लिया था । इसके साम्राज्य में पूर्वी गांधार शामिल था एवं तक्षशिला इसकी राजधानी थी । यह भारत का प्रथम शक विजेता था । उसके पश्चात ऐजेज तक्षशिला का शक शासक बना जिसने युथि डेम्स वंश के यवनों को परास्त कर अपना राज्य पंजाब तक बढ़ाया । इसने यवन नरेश अपोलोडॉट्स सेकंड एवं हिप्पोस्टेटस की मुद्राओं को पूनरअंकित कराया । एजेज के बाद एंजिलिसेज राजा हुआ जो एजेज का पुत्र था इसकी दो प्रकार की मुद्राओं में एक प्रथम प्रकार की मुद्राओं के मुख्य भाग पर यूनानी लिपि में एजेज का नाम व खरोष्ठी में एजिलिसेज का नाम मिलता है तथा इन दोनों को महाराज महा कहा गया है द्वितीय में मुख्य भाग पर यूनानी में एंजिलिसेज एवं पृष्ठ में खरोष्ठी में एजेज लिखा है इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि एजेज नामक 2 राजा हुए । एजेज प्रथम के बाद एजिलि सेज और उसके बाद पुनः एजेज द्वितीय राजा हुआ । एजेज 2के बाद पश्चिमी उत्तर भारत में शके शक्ति का हास होने लगता है । जिसके दो कारण थे । फ्रायोटाइज नामक एक महत्वाकांक्षी नेता अधिकार कर लिया । पश्चिम से गोंडो फर्नीज ने शक राज्य पे आक्रमण कर तक्षशिला पर अधिकार कर लिया इस प्रकार तक्षशिला से शक शासकों का अधिकार समाप्त हो गया एवं अधिकांश शक क्षत्रपों ने पहलव एवं कुषाणों की अधीनता स्वीकार कर ली । पश्चिमी भारत के शक पश्चिम भारत में दो शक वँशो के अस्तित्व के साक्ष्य मिलते हैं महाराष्ट्र का क्षहरात राजवंश कार्डमक वंश या सौराष्ट्रा मालवा के शक क्षत्रप क्षहरात वंश इस वंश ने संपूर्ण महाराष्ट्र लाट सुराष्ट्र प्रदेश पर शासन किया क्षहरात वंश का पहला राजा भूमक था जिसके सिक्के गुजरात काठियावाड़ मालवा क्षेत्र में मिलते हैं सिक्को पर ब्राह्मी या खरोष्ठी लिपि में लिख मिलते हैं जिससे प्रतीत होता है कि पश्चिम राजपूताना एवं सिंधु के कुछ भागों पर उनका अधिकार था भूमक का कोई अभिलेख नहीं मिला है । नहपान इस वंश का प्रसिद्ध शासक था इसके सिक्के अजमेर नासिक में मिले हैं जो चांदी एवं तांबा के बने हैं सिक्कों पर वह राजन की उपाधि धारण किए हैं उनके अमात्य अर्यमन का एक जुन्नार अभिलेख पुणे में मिला है ।उसके दामाद ऋषभ दत्त या उसावदत्त का गुहालेख नासिक के कार्ले या पुणे में मिलता है । यह नहपान के समय गोवर्धन (नासिक ) पुणे का वायसराय था नासिक के गुहालेख में लिखा है कि जब राजस्थान में उत्तम भद्र जाति के लोग मालयो से घिर गए तो उषावदत्त ने शत्रुओं से उनकी रक्षा किया एवं पुष्कर तीर्थ को दान दिया । जिससे पता चलता है कि यह क्षेत्र नहपान के क्षेत्र में था । उसका राज अजमेर से उतरी महाराष्ट्र तक फैला था । उसकी राजधानी मिनगर ( भड़ौच एवं उज्जैन के बीच ) थी । नहपान ने 119 से125 ई0 तक शासन किया एवं गौतमीपुत्र सातकर्णि के द्वारा पराजित होने के बाद मार डाला गया । जोगल थंबी से प्राप्त नहपान के अधिकतर सिक्को को गौतमीपुत्र सातकर्णि द्वारा पुनराकित कराया गया है । जोगल थंबी नहपान का कोषागार था । नहपान के बाद इस वंश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं प्राप्त होती है । उसकी मृत्यु के पश्चात पश्चिम भारत क्षहरात की शक्ति का अंत हो गया । railway question railway gk lucent gk railway group d question railway exam railway question and answer question and answer power of ias ips ias motivational video ias ips motivational video interview your Queries IAS interview questions ias pcs interview questions ipc ias interview questions ias ka questions ias pcs interview questions upcs interview questions ias ips pcs interview upsc ias interview questions ias interview in Hindi ias interview questions in Hindi