У нас вы можете посмотреть бесплатно Apne ko Ishvar Praapti ke Ayogya na Maanein - Tatvik Satsang | Sant Shri Asaram Bapu ji или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием видео, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru
Sant Shri Asaram Bapu: Divya Taatvik Satsang, 13th Jan 2008, Ahmedabad Ashram. अपने को ईश्वर प्राप्ति के अयोग्य कभी न मानें... सत्संग के मुख्य अंश: ---------------------------------- मैं ईश्वर प्राप्ति के योग्य नहीं हूँ, ऐसा सोचना बहुत हानिकारक है... कोई सज्जन आदमी ब्राह्मण को आमंत्रण दे आया और ब्राह्मण घर पर आये... उसने बिछाया (आसन), ब्राह्मण को बिठाया, पानी का गिलास रखा, थाली रखी... अब ब्राह्मण ये सोचे कि भोजन देगा कि नहीं देगा, खिलायेगा कि नहीं खिलायेगा... तो बिल्कुल गलती है... ऐसे ही भगवान ने हमको मनुष्य शरीर दिया है, और हमारे में श्रद्धा भगवान ने भरी है... संत मिले हैं, गीता, रामायण, उपनिषद, योग वसिष्ठ आदि ग्रन्थ मिले हैं... तो समझो थाली मिली है, गिलास मिला है, आसन मिला है,... भोजन कराने वाले का घर मिल गया है... अब अपने को अयोग्य मानना ही अयोग्यता है.... क्या हम अपने बल से इतने योग्य हुए ? ये रामायण, गीता आदि का ज्ञान, उपनिषद, योग वसिष्ठ आदि का प्रसाद, अथवा श्रद्धा, जप, नियम, इतनी सूझबूझ... क्या हमने अपनी अक्ल होशियारी से मनुष्य शरीर बनाया है ? नहीं.....भगवान ने अपने घर में बुलाया है.... मनुष्य शरीर दिया, समझो भगवान ने आमंत्रण दिया.... फिर श्रद्धा भक्ति दी...शास्त्रों का ज्ञान दिया, संतों का संग दिया.... तो थाली, पत्तल, गिलास सब हो गया.... और कोई व्यंजन धर भी दिया... अब सोचे कि खिलायेगा कि नहीं खिलायेगा,....तो सोचना गलती है... ऐसे ही हमको भगवान मिलेंगे कि नहीं मिलेंगे, बिल्कुल ऐसी ही गलती है.... इसलिए कभी भी निराश नहीं होना चाहिए, और अपने को अयोग्य नहीं मानना चाहिए.... कोई गलती हो, तो उसे सुधारते जाओ, लेकिन गलती को अपने में ना मानो... गलती है तो मन में, बुद्धि में अथवा शरीर में... बिगड़ी जनम अनेक की, सुधरे अब और आजु... हम भगवान के होकर भगवान का भजन करें... ज्ञान, प्रेम और विश्रांति - ये तीनों चीज़ें मनुष्य की मांग हैं...और ईश्वर की देन स्वाभाविक है उसके लिये... ईश्वर के पास ये खजाना भरा है...और मनुष्य को इन तीन की ज़रूरत है... मन को लगाओ, मन को रोको, इस पछड़े में मत पड़ो... मन में गलत विचार आयें, तो उनमें बहो मत, उनकी उपेक्षा कर दो... ये विकार हमारी शक्तियों को, और ईश्वर प्राप्ति की योग्यताओं को, नोच लेते हैं... ईश्वर प्राप्ति का इरादा पक्का कर लें, और उसे बार बार दोहरायें कि हमें तो सुख-दुःख में सम रहना है... भगवान ने कहा गीता में: सूखे दुखे समो भूत्वा.... यह क्यों कहा 'सम'...क्योंकि इससे आध्यात्मिक लाभ होगा... बाकी तो लाभ हुआ तो भी कुछ नहीं बचने वाला है...और हानि हुई तो भी सदा नहीं रहने वाली... सांसारिक लाभ-हानि का तो कोई महत्त्व ही नहीं है वास्तव में देखा जाये तो... बचपन से लेकर अब तक कितनी लाभ-हानि हो गयी, बीत गयी...सब सपना हो गया... लेकिन उसको जो जानता है परमेश्वर, अपना था, है, और रहेगा.... उसमें समो भूत्वा... ---------------------------------- Subscribe Us Now !!! for Latest Video Updates from Sant Shri Asaram ji Bapu Ashram : https://www.youtube.com/user/SantAmri... To Watch FREE LIVE Webcast of Sant Shri Asharamji Bapu on Mangalmay TV Visit : http://www.ashram.org/live For More Information Visit Official website of Sant Shri Asaram ji Bapu Ashram : http://www.ashram.org Join Ashram on Facebook / santshriasharamjibapu Join MPPD on Facebook / parentsworshipday