У нас вы можете посмотреть бесплатно पृथ्वी के प्राचीन कालगणना का इतिहास। नवसंवत्सर की शुभकामना, बधाई । или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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#पृथ्वी की सबसे #प्राचीन #कालगणना का #इतिहास । हम सभी पृथ्वी के ज्यादातर वाशिन्दे अभी जिस कालगणना के कैलेण्डर का प्रयोग कर रहे हैं , यह मात्र 2022 साल पुराना है , इस #गैगेरियन कैलेंडर को #ईसाई पंथ के प्रवर्तक प्रभु #ईसामसीह के जन्म से प्रारंभ किया गया था। हम सभी जानते हैं कि इस #धरती पर #मानव जाति लाखों वर्ष से आबाद है। इसके पहले भी इस धरती के मनुष्यों द्वारा कैलेण्डर का प्रयोग किया जाता था। इसमें #भारतीय #उपमहाद्वीप का कैलेण्डर सबसे अधिक प्राचीन है। यह #पंचांग - #कैलेण्डर #सूर्य - सौर मंडल के ग्रहों की गति पर आधारित सबसे प्राचीन और सटीक होता है , अभी इसे संवत्सर के नाम से जाना जाता है। भारत के चक्रवर्ती सम्राट #शकारि विक्रमादित्य ने #शक- #हूणों पर पर विजय प्राप्त कर अपने राज्याभिषेक से #शक #संवत प्रारंभ किया था , जिसका 1945 वां वर्ष प्रारंभ हो रहा है । एक और चक्रवर्ती #राजा #विक्रमादित्य ने विक्रम संवत प्रारंभ किया था । जिसका 2080 वां वर्ष प्रारंभ हो रहा है, और #प्राचीनतम युगों की कालगणना का 5125 वें युगाब्द का का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होगा । #नल नााक इस #नवसंवत्सर के राजा #बुद्ध और मंत्री शुक्र हैं । भारतीय उपमहाद्वीप में इस #नववर्ष को