У нас вы можете посмотреть бесплатно Rave Party Explained: हशीश, चरस, कोकीन... ऊंचे लोगों की 'नीची' पसंद का कच्चा चिट्ठा или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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मुंबई में शाहरूख खान के बेटे आर्यन की गिरफ्तारी के बाद सभी लोगों के जेहन में एक ही बात कौंध रही है कि आखिर ये रेव पार्टी होता क्या है...इस पार्टी में क्या-क्या होता है..क्या यहां सिर्फ नशे का इस्तेमाल होता है..या और कुछ भी..इस वीडियो में हम आपके सभी जिज्ञासाओं का उत्तर देने की कोशिश करेंगे.. शरीर में थिरकन पैदा करता संगीत, धीमे-धीमे रगों में घुलता नशा और अय्याशी की खुली आजादी... रेव पार्टियों में कमोबेश यही नजारा दिखता है...म्यूजिक, ड्रग्स और सेक्स की इस दुनिया में आने के लिए जेब में माल और 'कॉन्टैक्ट्स' होना जरूरी है...मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु समेत कई कॉस्मोपॉलिटन शहरों में रोज ही रेव पार्टियां होती रहती है....बेहद गोपनीय ढंग से की जाने वाली इन पार्टियों में रईसजादों का मजमा लगता है...रेव पार्टियों में शामिल युवाओं को 'मस्ती' करने की पूरी छूट होती है...इस पार्टी में एंट्री के लिए भी अच्छी-खासी रकम लगती है...भीतर हजारों वाट के संगीत पर थिरकते युवा होते हैं...कोकीन, हशीश, चरस, एलएसडी, मेफेड्रोन, एक्सटसी जैसे ड्रग्स लिए जाते हैं...अधिकतर रेव पार्टियों में ड्रग्स उपलब्ध करने का जिम्मा ऑर्गनाइजर्स का होता है...कुछ रेव पार्टियों में 'चिल रूम्स' भी होते हैं... जहां खुलेआम सेक्स चलता है..कई क्लब्स में ड्रग्स के कुछ साइड-इफेक्ट्स जैसे डिहाड्रेशन और हाइपरथर्मिया को कम करने के लिए पानी और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स भी उपलब्ध कराई जाती हैं...बात भारत की करें तो गोवा के अलावा हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी अपनी रेव पार्टियों के लिए मशहूर है...बेंगलुरू भी रेव हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है...पुणे, मुंबई समेत कई अन्य टियर-1 शहरों में भी रेव पार्टियां पकड़ी गई हैं...मार्च 2007 में पुणे में एक रेव पार्टी से 280 लोग गिरफ्तार किए गए थे...पुलिस सादे कपड़ों में रेव पार्टियों पर छापे मारती है...वहां मिले लोगों पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक्स सबस्टेंसेज एक्ट 1985 और इंडियन पीनल कोड के तहत कार्रवाई होती है...भारत की ज्यादातर रेव पार्टियों में एक्सटसी पिल्स, कोकीन और एसिड, कीटामाइन, गांजा, हशीश का इस्तेमाल होता है...इनमें से ज्यादातर ड्रग्स नैचुरल नहीं है, उन्हें केमिकल लैब में सिंथेसाइज किया जाता है...ज्यादातर ड्रग्स का असर करीब 8 घंटे तक रहता है...कोकेन एक ताकतवर नर्वस सिस्टम स्टिमुलेंट है...इसका असर 15 मिनट से लेकर घंटे भर तक रहता है...यह अलर्टनेस बढ़ाता है, लेने वाले को लगता है कि सब कुछ मस्त है...एक्सटसी यानी MDMA रेव पार्टियों का एक मशहूर ड्रग हैय...इस ड्रग्स का असर संगीत, लाइट और छुअन के साथ बढ़ता है...80 और 90 के दशक में दुनिया बड़ी तेजी से रेव पार्टियों से वाकिफ हुई..हालांकि ऐसी पार्टियों की शुरुआत उससे करीब 20-30 साल पहले हो चुकी थी...लंदन में होने वाली बेहद जोशीली पार्टियों को 'रेव' कहा जाता है...अमेरिकी न्याय विभाग का एक दस्तावेज बताता है कि 1980 की डांस पार्टियों से ही रेव का चलन निकला..जैसे-जैसे तकनीक और ड्रग्स का जाल फैला, रेव पार्टियों की लोकप्रियता बढ़ती चली गई..भारत में रेव पार्टियों का चलन हिप्पियों ने गोवा में शुरू किया..इसके बाद देश के कई शहरों में रेव पार्टियों का ट्रेंड बढ़ा..और अब तो धीरे-धीरे ये रईसजादों की जिंदगी का आम हिस्सा बनता जा रहा है..पता नहीं ये सिलसिला कहां जाकर रूकता है..गांवतक बिहार की रिपोर्ट ---------------