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🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं? लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... 📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... ➖➖➖➖➖➖ #AcharyaPrashant #आचार्यप्रशांत #Philosophy #BhagavadGita #hanuman #ram #ramayana वीडियो जानकारी: 28.01.2023, वेदांत महोत्सव, ग्रेटर नॉएडा हनुमान चालीसा का वास्तविक अर्थ || आचार्य प्रशांत, वेदांत महोत्सव (2023) विवरण: इस वीडियो में आचार्य जी ने हनुमान चालीसा के महत्व और उसके गहरे अर्थों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि हनुमान जी का चरित्र और उनकी भक्ति श्री राम के प्रति कितनी महत्वपूर्ण है। आचार्य जी ने हनुमान चालीसा की पहली चौपाई "जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय कपीस तिहूं लोक उजागर" से शुरुआत की और इसके माध्यम से हनुमान जी के ज्ञान और गुणों की चर्चा की। आचार्य जी ने यह स्पष्ट किया कि हनुमान जी केवल एक वानर नहीं हैं, बल्कि वे ज्ञान और भक्ति के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि हनुमान जी का राम के प्रति समर्पण और उनकी निष्ठा हमें यह सिखाती है कि हमें अपने जीवन में भी राम के गुणों को अपनाना चाहिए। आचार्य जी ने यह भी बताया कि हनुमान जी का ज्ञान और गुण सागर के समान है, जो हमें आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब हम राम को समझते हैं, तभी हम हनुमान को सही तरीके से समझ सकते हैं। आचार्य जी ने यह भी बताया कि हनुमान चालीसा का पाठ केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह हमें आत्मज्ञान और मुक्ति की ओर ले जाने का एक साधन है। ॥ श्री हनुमान चालीसा ॥ चौपाई-१ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥ चौपाई-७ विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर ॥ चौपाई-१८ जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥ चौपाई-३३ जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई ॥ श्रीराम चरित मानस चौपाई: राम ब्रह्म परमारथ रूपा । अबिगत अलख अनादि अनूपा ॥ सकल बिकार रहित गतभेदा । कहि नित नेति निरूपहिं बेदा ॥4॥ प्रसंग: ~ हनुमान चालीसा का वेदान्तिक अर्थ ~ हनुमान के अराध्य कौन? ~ हनुमान जी किसके प्रतीक हैं? ~ वेदांत का क्या अर्थ है? ~ हनुमान को नहीं समझ सकते जब तक राम नहीं पता कौन हैं | संगीत: मिलिंद दाते ~~~~~