У нас вы можете посмотреть бесплатно सही कर्म, गलत कर्म क्या? हम गलत कर्म क्यों करते हैं? || आचार्य प्रशांत, उत्तर गीता पर (2019) или скачать в максимальном доступном качестве, видео которое было загружено на ютуб. Для загрузки выберите вариант из формы ниже:
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🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं? लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... 📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... ~~~~~~~~~~~~~ वीडियो जानकारी: 21.12.2019, हार्दिक उल्लास शिविर, गोआ, भारत Title: Sahi Karm, galat karm kya? hum galat karm kyun karte hain? || Acharya Prashant 📋 Video Chapters: 0:00 - Intro 0:07 - श्लोक का परिचय और सिद्धों की चर्चा 1:12 - शरीर और अहम वृत्ति का संबंध 6:15 - अहम वृत्ति और आत्मा का संबंध 7:44 - आयु और कीर्ति की खोज 11:40 - आशा और हताशा का शरीर से रिश्ता 14:28 - सही और गलत कर्मों का निर्धारण 15:24 - विनाश काल और बुद्धि का उल्टा होना 20:20 - जिम्मेदारी और आनंद की खोज 26:51 - समापन प्रसंग: आयुःकीर्तिकराणीह यानि कर्माणि सेवते। शरीरग्रहणे यस्मिंस्तेषु क्षीणेषु सर्वशः॥६॥ आयुःक्षयपरीतात्मा विपरीतानि सेवते। बुद्धिर्व्यावर्तते चास्य विनाशे प्रत्युपस्थिते॥७॥ सिद्ध ने कहा- काश्यप! मनुष्य इस लोक में आयु और कीर्ति को बढ़ाने वाले जिन कर्मो का सेवन करता है,वे शरीर-प्राप्ति में कारण होते हैं। शरीर-ग्रहण के अनन्तर जब वे सभी कर्म अपना फल देकर क्षीण हो जाते हे, उस समय जीव की आयु का भी क्षय हो जाता है। उस अवस्था में वह विपरीत कर्मो का सेवन करने लगता है और विनाशकाल निकट आने पर उसकी बुद्धि उलटी हो जाती है। ~ उत्तर गीता (अध्याय २, श्लोक ६) ~ सिद्ध कौन से कर्म की बात कर रहे हैं? ~ सही और ग़लत कर्मों को कैसे जाने और तय कैसे करें? ~ शरीर प्रप्ति का क्या अर्थ होता है? ~ मनुष्य अपनी आयु और कीर्ति क्यों बढ़ाना चाहता है? ~ शरीर क्या, उसका अहमवृत्ति से संबंध क्या? संगीत: मिलिंद दाते ~~~~~~~~~~~~~