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सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदक को जानकारी मांगने के कारणों का खुलासा करना चाहिए, यह कहना है दिल्ली हाई कोर्ट का। इससे साफ हो जाएगा कि आवेदक को जानकारी क्यों चाहिए और साथ ही उन लोगों से अन्याय होने से रोक लगेगी जिनके बारे में जानकारी मांगी जा रही है। ये बात राष्ट्रपति भवन में एक विशेष पद के लिए नियुक्ति के बारे में सूचना के अधिकार के तहत आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) की रोक के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हुई। याचिकाकर्ता का कहना था कि सीआईसी ने बिना किसी आधार के जानकारी देने से इनकार किया। अदालत ने इस मामले में आवेदक हर किशन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।सूचना अधिकार अधिनयम, 2005 के अंतर्गत केंद्रीय सूचना आयोग का गठन 12.10.2005 को किया गया है। आयोग की अधिकारिता सभी केन्द्रीय लोक प्राधिकारियों पर है। Anchor | Producer :- Kavindra Sachan GUEST :- Satya Prakash, Legal Editor, The Tribune Dr. Justice Satish Chandra, Former Judge, Allahabad High Court Subhash Chandra Agrawal, RTI Activist