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साइनस की बीमारी आज के ज़माने में सबसे सामान्य बीमारी है। इसलिए, इस वीडियो में डॉ गीता शापुर बताती है की sinusitis kya hota hai और साइनस के लक्षण कैसे होते हैं। sinusitis kya hota hai का उत्तर देते हुए डॉ शापूर कहती है की साइनोसाइटिस होता है जब आपके साइनस में सूजन हो। विस्तार में, डॉ शापुर कहती हैं की शरीर में 3 साइनस के जोड़े होते है। ये साइनस जोड़ो का नाम है मैक्सीलैरी साइनस, एथमोइड साइनस, फ्रंटल साइनस और सफ़ेनोईड साइनस। साइनोसाइटिस की और जानकारी के लिए यहां क्लिक करे https://bit.ly/30zJeig कितने types of sinuses होते हैं? अगर आपको साइनस की प्रॉब्लम तो वो 3 तरीके के हो सकते है। 3 types of sinuses होते है जैसे की एक्यूट साइनोसाइटिस, सबएक्यूट और क्रोनिक साइनोसाइटिस। अगर आपका साइनस पैन कुछ दिन या हफ्तों में चला जाता है तो वो एक्यूट साइनोसाइटिस होता है। क्रोनिक साइनोसाइटिस तब होता है अगर साइनस 3 महीने से ज़्यादा रहे। सब एक्यूट साइनोसाइटिस तब होता है जब साइनस 4-8 हफ्ते रहे। साइनस के लक्षण क्या होते हैं? sinusitis ke lakshan इस प्रकार के होते है: साइनस की बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण होता है नाक में दर्द होना या फिर साइनस के रीजन में दर्द होना बुखार नाक बहना या बंद नाक गल्ले में खराश कान दर्द या कान भारी महसूस होना अगर आपको इनमे से कोई भी sinusitis ke lakshan दिखे तो आपको अपने डॉक्टर से बात करके सही प्रकार की दवाई लेनी चाहिए। sinus ke karan क्या हो सकते हैं? sinusitis kya hota hai से डॉ शापूर साइनस के कारणो की ओर बढ़ती हैं। sinus ke karan उसके प्रकार पर आश्रित होते है। साइनस का सामान्य कारण वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है। साइनस का उपचार कैसे करें? साइनोसाइटिस का इलाज उसके प्रकार पे निर्भर है। वायरल एक्यूट साइनस का उपचार उसके लक्षण पे निर्भर है। इस मामले में आप अपने नाक को साफ रख सकते हैं या फिर नेसल स्प्रे या nasal rinsing का प्रयोग कर सकते हैं। एक्यूट साइनोसाइटिस में आप एंटीहिस्टामिन टेबलेट्स ले सकते हैं। या फिर मुकलिटिक एजेंट्स का उपयोग कर सकते हैं।। साइनस का घरेलू उपचार में आप अपने आप को गर्म रखें और गरम पानी एवं गर्म तरल पदार्थ पीते रहें। बैक्टीरियल एक्यूट साइनस के उपचार में आपको एंटीबायोटिक्स, नेसल सप्रेस, एंटीहिस्टामिन टेबलेट्स लेने पड़ेंगे। सबएक्यूट साइनोसाइटिस का इलाज एक्यूट साइनस के जैसा होता है। अगर इन्फेक्शन काफी लम्बा चला हो या पहले एंटीबायोटिक काम ना किया हो तो आपको दूसरी दवा या सप्रेस दिए जाएंगे। साइनस सर्जरी कब करवाएँ? साइनस सर्जरी तब करवाना चाहिए जब अनोटोमिकल प्रोब्लेम्स ज़्यादा हो या फिर दवाई से आपकी हालत सही नहीं हो रही हो। सर्जरी में अनोटोमिकल प्रोब्लेम्स जैसे की साइनस के पथ का ड्रेनेज ब्लॉकेज या फिर अगर नाक की हड्डी टेढ़ी हो और टर्बिनेट हयपोट्रोफ़ी है तो इसका सर्जिकल सुधार कर के साइनस का पाथ अच्छा होता हैं। सर्जरी के बाद साइनोसाइटिस का दोबारा होना कम हो जाता है। इस सर्जरी के बाद चोट के निशान नहीं दिखाई देते और ना ही ज़्यादा दर्द होता है। सर्जरी के बाद ऐसा हो सकता है की कुछ दिनो के लिए नाक बंद रहे और थोड़ा खून भी बह सकता है। इसका उपाय है की सर्जरी के बाद आप नमक के पानी के साथ nasal rinsing करें। 2-3 हफ़्तों में आपका साँस लेना आसान हो जायेगा। #sinusitisinhindi #sinusitissymptoms #sinusitistreatmentinhindi Subscribe: https://bit.ly/30zJeig Practo Website: https://www.practo.com/ Online Doctor Consultation: https://prac.to/video-consult Facebook: / practo Twitter: / practo Instagram: / practo LinkedIn: / practo-technologies-pvt-ltd Video Breakdown: 0:00 - sinusitis kya hota hai 0:24 - कौन से types of sinuses होते है? 0:54 - साइनस के लक्षण 1:16 - sinus ke karan 1:28 - साइनस का उपचार 2:42 - साइनस सर्जरी