Русские видео

Сейчас в тренде

Иностранные видео


Скачать с ютуб मेवाड़ी रत्न ! MEWADI RATAN ! MAHARANA PARTAP SONG ! LEELA RATNU в хорошем качестве

मेवाड़ी रत्न ! MEWADI RATAN ! MAHARANA PARTAP SONG ! LEELA RATNU 7 месяцев назад


Если кнопки скачивания не загрузились НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу страницы.
Спасибо за использование сервиса ClipSaver.ru



मेवाड़ी रत्न ! MEWADI RATAN ! MAHARANA PARTAP SONG ! LEELA RATNU

मेवाड़ी रत्न ! MEWADI RATAN ! MAHARANA PARTAP SONG ! LEELA RATNU LIKE | SHARE | COMMENT | SUBSCRIBE ------------------------- AUDUO & VIDEO Credits:- ------------------------- ♪ Song : मेवाड़ी रत्न ♪ Singer : Leela Ratnu ♪ Lyrics : kanhaiya lal sethiya ♪ Music Arrangements : Leela Ratnu ♪ Mix-Master : Mr. vicky ♪ Recording :MKR Studio Harlayan ♪ Editor : Leela Ratnu ♪ Director : Kavi Ashok Ratnu ♪ Music Label : Leela Ratnu Official ♪ Mewadi Ratan || मेवाड़ी रत्न || Maharana Partap Song || #Mewadi_ratan#maharanapratap#leelaratnusong #Rashthanisong#मेवाड़ीरत्न#Kanyalalsethiya#Mayadtharoputkathe#Parkasmali#Sanjaymukudndgarh#Leelaratnuofficial मेवाड़ी रत्न महाराणा प्रताप सोंग Mewadi Ratan Maharana Partap Song Sanjaymukudndgarh Parkash Mali Leela Ratnu Veer Siromni Maharana Partap Chetk वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप प्रकाश माली भजन लीला रतनू आफिशियल लीला रतनू 2024 song Rajsthani Song Leela Ratnu song Instagram Viral Lyrics ( गीत ) : हूं लड्यो घणो हूं सह्यो घणो मेवाड़ी मान बचावण नै, हूं पाछ नहीं राखी रण में बैर्यां रो खून बहावान ने, जद याद करूँ हळदीघाटी नैणां में रगत उतर आवै, सुख दुख रो साथी चेतकड़ो सूती सी हूक जगा ज्यावै, पण आज बिलखतो देखूं हूँ जद राज कंवर नै रोटी नै, तो क्षात्र-धरम नै भूलूं हूँ भूलूं हिंदवाणी चोटी नै मैं’लां में छप्पन भोग जका मनवार बिनां करता कोनी, सोनै री थाल्यां नीलम रै बाजोट बिनां धरता कोनी, अै हाय जका करता पगल्या फूलां री कंवळी सेजां पर, बै आज रुळै भूखा तिसिया हिंदवाणै सूरज रा टाबर, आ सोच हुई दो टूक तड़क राणा री भीम बजर छाती, आंख्यां में आंसू भर बोल्या मैं लिखस्यूं अकबर नै पाती, पण लिखूं कियां जद देखै है आडावळ ऊंचो हियो लियां, चितौड़ खड्यो है मगरां में विकराळ भूत सी लियां छियां, मैं झुकूं कियां ? है आण मनैं कुळ रा केसरिया बानां री, मैं बुझूं कियां ? हूं सेस लपट आजादी रै परवानां री, पण फेर अमर री सुण बुसक्यां राणा रो हिवड़ो भर आयो, मैं मानूं हूँ दिल्लीस तनैं समराट् सनेशो कैवायो। राणा रो कागद बांच हुयो अकबर रो’ सपनूं सो सांचो, पण नैण कर्यो बिसवास नहीं जद बांच नै फिर बांच्यो, कै आज हिंमाळो पिघळ बह्यो कै आज हुयो सूरज सीतळ, कै आज सेस रो सिर डोल्यो आ सोच हुयो समराट् विकळ, बस दूत इसारो पा भाज्यो पीथळ नै तुरत बुलावण नै, किरणां रो पीथळ आ पूग्यो ओ सांचो भरम मिटावण नै, बीं वीर बांकुड़ै पीथळ नै रजपूती गौरव भारी हो, बो क्षात्र धरम रो नेमी हो राणा रो प्रेम पुजारी हो, बैर्यां रै मन रो कांटो हो बीकाणूँ पूत खरारो हो, राठौड़ रणां में रातो हो बस सागी तेज दुधारो हो, आ बात पातस्या जाणै हो घावां पर लूण लगावण नै, पीथळ नै तुरत बु पीथळ नै राणा लिख भेज्यो आ बात कठै तक गिणां सही ? पीथळ रा आखर पढ़तां ही राणा री आँख्यां लाल हुई, धिक्कार मनै हूँ कायर हूँ नाहर री एक दकाल हुई, हूँ भूख मरूं हूँ प्यास मरूं मेवाड़ धरा आजाद रवै हूँ घोर उजाड़ां में भटकूं पण मन में मां री याद रवै, हूँ रजपूतण रो जायो हूं रजपूती करज चुकाऊंला, ओ सीस पड़ै पण पाघ नही दिल्ली रो मान झुकाऊंला, पीथळ के खिमता बादल री जो रोकै सूर उगाळी नै, सिंघां री हाथळ सह लेवै बा कूख मिली कद स्याळी नै? धरती रो पाणी पिवै इसी चातग री चूंच बणी कोनी, कूकर री जूणां जिवै इसी हाथी री बात सुणी कोनी, आं हाथां में तलवार थकां कुण रांड़ कवै है रजपूती ? म्यानां रै बदळै बैर्यां री छात्याँ में रैवैली सूती, मेवाड़ धधकतो अंगारो आंध्यां में चमचम चमकै लो, कड़खै री उठती तानां पर पग पग पर खांडो खड़कैलो, राखो थे मूंछ्याँ ऐंठ्योड़ी लोही री नदी बहा द्यूंला, हूँ अथक लडूंला अकबर स्यूँ उजड्यो मेवाड़ बसा द्यूंला, जद राणा रो संदेश गयो पीथळ री छाती दूणी ही, हिंदवाणों सूरज चमकै हो अकबर री दुनियां सूनी ही पीथळ नै राणा लिख भेज्यो आ बात कठै तक गिणां सही ? पीथळ रा आखर पढ़तां ही राणा री आँख्यां लाल हुई, धिक्कार मनै हूँ कायर हूँ नाहर री एक दकाल हुई, हूँ भूख मरूं हूँ प्यास मरूं मेवाड़ धरा आजाद रवै हूँ घोर उजाड़ां में भटकूं पण मन में मां री याद रवै, हूँ रजपूतण रो जायो हूं रजपूती करज चुकाऊंला, ओ सीस पड़ै पण पाघ नही दिल्ली रो मान झुकाऊंला, पीथळ के खिमता बादल री जो रोकै सूर उगाळी नै, सिंघां री हाथळ सह लेवै बा कूख मिली कद स्याळी नै? धरती रो पाणी पिवै इसी चातग री चूंच बणी कोनी, कूकर री जूणां जिवै इसी हाथी री बात सुणी कोनी, आं हाथां में तलवार थकां कुण रांड़ कवै है रजपूती ? म्यानां रै बदळै बैर्यां री छात्याँ में रैवैली सूती, मेवाड़ धधकतो अंगारो आंध्यां में चमचम चमकै लो, कड़खै री उठती तानां पर पग पग पर खांडो खड़कैलो, राखो थे मूंछ्याँ ऐंठ्योड़ी लोही री नदी बहा द्यूंला, हूँ अथक लडूंला अकबर स्यूँ उजड्यो मेवाड़ बसा द्यूंला, जद राणा रो संदेश गयो पीथळ री छाती दूणी ही, हिंदवाणों सूरज चमकै हो अकबर री दुनियां सूनी ही जय जय महराणा जय जय मेवाड़ जय जय राजस्थान

Comments