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We are presenting Goverdhanvasi sanware lal | गोवर्धनवासी सांवरे लाल track : goverdhan vari sahare lal Album : Shrinathji Artist : vaishnav vitthal dasji Lyrics : Traditional composition : Shri Chaturbhuj dasji (ashtachhap sakha) बंक शब्द रस दृष्ट है दर्शन मन अभिलाष, पूर्ण लोक मन्मथ रतन कुंज सदन निज वास। श्याम वरण गिरिवरधरण गोपीजन चित चोर ब्रजराज कुंवर हिय में बसो सुंदर नंदकिशोर।। श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल तुम बिन रह्यो न जाय हो॥ बृजराज लडेतो लाडिलो लाल।। बंक चिते मुसकाय के लाल सुंदर वदन दिखाय हो॥ लोचन तलपे मीन ज्यों लाल, पलछिन कल्प बिहाय हो ॥ सप्त स्वर बंधान सों लाल, मोहन वेणु बजाय हो ॥ सुरत सुहाइ बांधिके नेक, मधुर मधुर स्वर गाय हो ॥ रसिक रसीली बोलनी लाल, गिरि चढि गांग बुलाय हो॥ गांग बुलाइ धूमरी नेंक, ऊँची टेर सुनाय हो ॥ दृष्टि परी जा दिवसतें लाल, तबते रुचे नहिं आन हो॥ रजनी नींद न आवही मोहे, बिसर्यो भोजन पान हो ॥ दर्शन को नैना तपे लाल बचन सुनन को कान।। मिलिवे को हीयरो तपे मेरे जिय के जीवन प्राण हों ॥ मन अभिलाषा ह्वे रही लाल, लागत नयन निमेष हो॥ एकटक देखूं आवतो प्यारो, नागर नटवर भेष हों ॥ पूर्ण शशि मुख देख के लाल, चित चोट्यो बाही ठोर हो॥ रूप सुधारस पान के लाल, सादर चंद्र चकोर हो ॥ लोक लाज कुल वेद की लाल, छांड्यो सकल विवेक हो॥ कमल कली रवि ज्यों बढे लाल, छिन छिन प्रीति विशेष हो ॥ कोटिक मन्मथ वारने लाल, देखत डगमग चाल हो ॥ युवती जन मन फंदना लाल, अंबुज नयन विशाल ॥ यह रट लागी लाडिले लाल, जैसे चातक मोर हो॥ प्रेम नीर वर्षा करे लाल नवघन नंद किशोर हो ॥ कुंज भवन क्रीड़ा करे लाल सुख निधि मदन गोपाल हो। हम श्री वृन्दावन मालती तुम भोगी भ्रमर भूपाल हो।। युग युग अविचल राखिये लाल हो।। यह सुख शैल निवास हो। श्री गोवर्धन धर रूप पे बलि जाय चतुर्भुज दास हो।। श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल तुम बिन रह्यो न जाय हो॥ बृजराज लडेतो लाडिलो लाल।। यह मेरी अभिलाष है पूरो नंदकुमार, यह छबि पर कोटिक वारने तन मन प्राण आधार। कहा कहूँ रसना एक है नहिं लक्ष करोड़, कैसे करके बरनऊँ दास सदा कर जोड़।। #pushtivilas #shrinathji #pushtimarg for any enquiry : [email protected] contact for video editing Disclaimer This video for educational purposes only. Copyright Disclaimer under Section 107 of the copyright act 1976, allowance is made for fair use for purposes such as criticism, comment, news reporting, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use.